बीमार हो जाये
ऐसे ना देख की अच्छा भला बेकार हो जाये
हम तेरी चाहत में फिर से बीमार हो जाये
उनकी महफ़िल में हम गुनाहगार हो जाये
उम्र कैद मिले, आंखों में गिरफ्तार हो जाये
चाँद को खूबसूरत कहने वाले कलम तोड़ लें
जो तेरे अक्स का भी उनको दीदार हो जाये
जो तुम्हारे नूर पर कोई ग़ज़ल गाने को आये
सुर ए माज़ूर भी अव्वल मौसिकार हो जाये
जो तेरे मोहल्ले में आऊँ,खिड़की खोल देना
इस गरीब पर बस इतना उपकार हो जाये
ये नए साहब की नई सरदारी का कमाल है
चोर पहले चोरी करे,फिर चौकीदार हो जाये
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