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संगेमरमर हो गए

कांच सा जमीं पर बिखर जाऊँ मैं

जिंदगी धुँआ निकली

रोशनाई मत करना

गुमनाम हो जाऊंगा

तू समझता है कि मुझे कुछ खबर नही

इल्ज़ाम रहेगा

रूबरू कर बैठा हूँ