तब भी हम प्यार के नगमे गाएंगे

सब मंजर फीके बन जाए 
जब सारे मौसम सो जाएंगे।।
सारी नदिया मद्धम पड़ जाये, 
जब ये सारे झरने रो जाएंगे।।
गहरी होगी सारी खामोशी
जब पेड़ो से पत्ते खो जाएंगे।।
वादियां सारी बेगानी हो जाये,
जब सारे सूरज ठंडे हो जाएंगे।।

तब भी हम प्यार के नगमे गाएंगे

उस गुलशन की हरियाली में
एक बीज नया हम बो जाएंगे
तब भी हम प्यार के नगमे गाएंगे


तेरे चेहरे की खुशिया ही,
बनी अब मेरी चाहत है।
तेरे हँसना भी तेरा रोना भी
बना अब मेरी जरूरत है।
गर तेरा प्यार मुझको न मिले
गर फूल मेरे आंगन में न खिले

चेहरे पर एक खामोशी लिए हम
तेरी खुशियो के आंगन सजायेंगे

तब भी हम प्यार के नगमे गाएंगे



जुल्फों की तेरी अंधेरी रात,
सपने में हमको सताती है।
तस्वीर तेरी बाते करती अब
तेरी सौ बाते मुझे बताती है।
तेरे जिक्र ही मेरी मुस्कुराहट है
तेरा होना मेरे होने की राहत है

सब कुछ भूल कर तेरी याद में
हम एक ख्वाबो का महल बनायेंगे

तब भी हम प्यार के नगमे गाएंगे



सुन न सका तेरी बातो को
बस तेरी आहट से जीता हूँ
कह न सका जज्बातो को
तो जख्मो को अब सीता हूँ
कुछ तेरी कहूँ कुछ तुझसे कहूँ
बिरह की कहानी किस किससे कहूँ

दिल से दिल ही की बातें कहकर 
हम तेरा किया तुझसे ही सुनाएंगे

तब भी हम प्यार के नगमे गाएंगे

खामोशी के आलम में भी
बस गीत यही गुनगुनायेंगे

तब भी हम प्यार के नगमे गाएंगे

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