पराक्रमों विजयते वीर अहीर

वीर यदु के खून है हम, हम तो उस कृष्णा के अनुपाले है
मातृभूमि पर जान लुटाने वाले,हम वो वीर अहीर मतवाले है।


बाँसठ में रेजांगला पर हमने शत्रु को वीरता अपनी दिखलाई है
सीना ताने चौकी पर चीनीयो को औकात उनकी बतलाई है
एक ने मारा दस दस को ,वीरो ने शत्रु के कदमो को काट दिया
भारत माँ की खातिर लाशें अपनी बर्फीले चट्टानों में  दफनाई है
अर्पण अपना सब भारत माँ को,कतरा कतरा इसके हवाले है
मातृभूमि पर जान लुटाने वाले,हम वो वीर अहीर मतवाले है।


जब काम नही आया शस्त्र तो पटक पटक कर भी मारा है
पंजा जिसने डाला धात्री पर उस चीनी की बाँह  उखाड़ा है
दादा किशन के जयकारे संग गद्दारो को बढ़ने से रोक दिया
रेजांगला में खुद मुह की खाई सत्य ये शत्रु ने भी स्वीकारा है।
जिसकी दुश्मन तारीफ करे हम उस यदुकुल के निराले है
मातृभूमि पर जान लुटाने वाले,हम वो वीर अहीर मतवाले है।


यदुवंशी योगेंद्र ने टाइगर हिल में पराक्रम क्या खूब दिखाया था 
छलनी छलनी थे गोली से फिर भी दुश्मन को मार भगाया था।
बांध कफन सिर पर अपने यूँ मृत्यु को उसने ललकार दिया।
होता है अहीर किस मिट्टी का ये पाकिस्तानियो को दिखलाया था
सोलह गोली खाकर भी योगेंद्र जैसे हम मुस्कुराने वाले है
मातृभूमि पर जान लुटाने वाले,हम वो वीर अहीर मतवाले है।

मातृभूमि पर प्राण लुटाते कैसे ये यदुवंशी को मत सिखलाओ
होता है देशप्रेम का अमृत कैसा ये तुम हमको मत बतलाओ
मत बतलाओ तुम की देशभक्तों ने मिट्टी पर क्या कुर्बान किया
यदुवंश काल है गद्दारो का इसे झूठे वृतांतों से मत झुठलाओ
वीरता ने जिसकी धाम बनाया,हम वो अहीरधाम के जियाले है
मातृभूमि पर जान लुटाने वाले,हम वो वीर अहीर  मतवाले है।


वीर यदु के खून है हम, हम तो उस कृष्णा के अनुपाले है
मातृभूमि पर जान लुटाने वाले,हम वो वीर अहीर मतवाले है।

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