झूठा आईना

दिलो में आग बराबर लगी हो तो बात करें
बदनामी की दाग बराबर लगी हो तो बात करें।
एकतरफा चाहत की तू यूँ वकालत न करना
इश्क़ की लाग बराबर लगी हो तो बात करें। 

आईना सच छुपाये भी तो चेहरा चमक खो देता है
झूठी नींव वाला महल खूबसूरत झलक खो देता है
इस बुलंद दरवाजे का बगीचा बड़ा सूना लगता है
यहाँ तेरे साये में आया हर फूल महक खो देता है

तेरे किस्से की सारी कहानी हमे किताबी लगती है
तेरी गरीबी की सारी निशानी हमे नवाबी लगती है
यकीन ही नही रहा तेरी मुफलिसी की दास्तान पर
तेरे जज्बातो की सारी बयानी हमे शराबी लगती है

तेरी वफ़ाओ की वो चाहत अब पहले जैसी तो नही
इन पायलों की वो आहट अब पहले जैसी तो नही
बदला बदला लग रहा है तेरे वादों का अंदाजे बयाँ
तेरे चेहरे की वो मुस्कुराहट अब पहले जैसी तो नही

भरे पैमानों का खाली हो चुका जाम नज़र आता है
तेरे महलों का रुतबा हमे बड़ा आम नज़र आता है
कहाँ कहाँ से मिटाओगे तुम मेरे गढ़े अफ़साने को
यहाँ हर कसार की दीवार पे मेरा नाम नज़र आता है

खामोश मंजर में आँधिया उड़ाने का हुनर तुझे आता है
अनकही  बातो पर तालीयाँ बजाने का हुनर तुझे आता है
तेरी मासूमियत के किस्से फैले है शहर के शमशानो में
खुशनुमा मंजर में अर्थियां सजाने का हुनर तुझे आता है

तेरे जगमगाते जलवों की असलियत हमे मालूम है
मुस्कुराते चेहरे के पीछे की भी नीयत हमे मालूम है
मत कर तू अपनी मुहब्बत के निशानी की नुमाईश
इस ताजमहल के पत्थरो की हैसियत हमे मालूम है


इस अंदाजेबयां से लगता है तू भी बुतो का नवाब है
अय्याशी मक्कारी बेईमानी भरे सब तुझमे बेहिसाब है
इबादत तू करा लें अपनी तू भी बन जा सबका खुदा
तेरे मन मे शैतानी जज्बे तो चेहरे पर खुदाई नकाब है






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