रिन्द की बात में है
ये जो एक जाम से भरा पैमाना हमारे साथ में है
तो फिर तीनो जहाँ की मिल्कियत हमारे हाथ मे है
पंडितों मौलानाओं की तखरीर में वो सबक कहां
जो तालीम मैखाने से निकले रिन्द की बात में है
बस एक शराब की बोतल जो साकी के पास में है
फिर उसके सी रईस कोई नही इस कायनात में है
बात ऐसी कहा फिर किसी निगाह ए ताक में है
जो मज़ा रिंद के साथ पीने पिलाने की बात में है
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