मुमकिन ही नही

आसमान के चमकते इन सितारो को फना कर दे
मुमकिन ही नही कोई आपको मुझसे जुदा कर दे

नसीब के हर कतरे में हमने आपको लिखवाया है
ये खुदा के बस की भी नही,जो हमे रुसवा कर दे

क्यो तौलते हो इसको रुतबे, हैसियत  के पलड़े में
ये मोहब्बत है जिससे हो जाये उसको खुदा कर दे

आप नही होती तो सब कुछ सुना सूना  लगता है
आपकी  ये हाजिरी खुशनुमा  सारी फिज़ा कर दे

सौ सौ हूरें जो कमाल मिलकर भी  ना कर पायी
वो जादू  तो  आपकी  सिर्फ  एक  अदा  कर  दे

जिस जिस दर पर ये पड़ते हैं, वहां नूर बरसते है
आपके कदम नापाक मंजर को भी सफा कर दे

अपनी इन जुल्फों को मेरे शानो की रिदा कर दे
अपनी नजरे करम  थोड़ी मुझपे भी अता कर दे

अब थोड़ी सी  रियावत, मुझको भी अदा कर दे
मौत तू मुझे अब अपनी  आगोश से रिहा कर दे

आपकी इस बेरुखी ने सब कुछ बंजर कर डाला
एक नज़र देख कर तू इस वीराने को हरा कर दे


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