ना ठोंकू ना और ना ठोकने वाले हथियार बचे है
ना ठोंकू ना और ना ठोकने वाले हथियार बचे है
ना ढोंगी बचे है और ना ही उनके सेवादार बचे है
बहुत नशा है तुमको अपनी कुर्सी की ताकत का
उंगलियों पर गिन लो इनके दिन बस चार बचे है
जिस राजा पर इतराते थे वो तो मेरी गोद मे है
तुम्हारे दरबार मे तो अब बस सिपहसालार बचे है
बहुत धमकियां देते थे बुलडोजर और ठोकने की
अब तेरे पास बस घंटा बजाने के अधिकार बचे है
जिसपे बैठे हो वो कुर्सी तो कब की हट चुकी है
तुम्हारे नीचे तो बस स्टूलों के कुछ गुबार बचे है
जिसमे थोड़ा जमीर बाकी था वो सच छाप रहे है
तुम्हारे साथ बस रद्दी बिकने वाले अखबार बचे है
दिनरात वतन की रखवाली करने वाले मेरे साथ है
तुम्हारे पास बस चाय बेचने वाले चौकीदार बचे है
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