आओ मोहब्बत की शुरुआत किया जाए
धीरे धीरे ही सही पर कुछ तो बात किया जाए
आओ अब मोहब्बत की शुरुआत किया जाए
एक दूसरे के आगोश में पूरा दिन काटा जाय
एक दूसरे के आगोश में ही ये रात किया जाए
प्यासी जमीं है और सब मंजर सूखे सूखे से है
सारे लम्हे सारे नजारे लगता है रूठे रूठे से है
मुस्काती शक्लो को गम भरा चेहरा बना दिया
जुदाई के लम्हे ने सारा मंजर सेहरा बना दिया
चलो यहां अब मिलन की बरसात किया जाए
धीरे धीरे ही सही पर कुछ तो बात किया जाए
ये सूरज भी अपनी तपिस से बुझा बुझा सा है
आसमां का चांद भी लगता झुका झुका सा है
इश्क़ के पैरों की बेड़िया बनी जमाने की रस्मे
जाने कैसे रिवाज है इनकी जाने कैसी कसमे
अब खुद को इन रस्मो से आज़ाद किया जाए
धीरे धीरे ही सही पर कुछ तो बात किया जाए
खुदा की शान में यही हिमाकत किया है हमने
उससे भी ज्यादा तुम्हे मोहब्बत किया है हमने
जमाने से छुप छुप के मैंने तेरा दीदार किया है
अपने खाबो खयालो में भी तुम्हे प्यार किया है
आओ अब तो सरेआम मुलाकात किया जाए
धीरे धीरे ही सही पर कुछ तो बात किया जाए
धीरे धीरे ही सही पर कुछ तो बात किया जाए
आओ अब मोहब्बत की शुरुआत किया जाए
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