वो आज भी है याद मुझे
तेरे साथ बिताया एक एक पल आज भी याद है मुझे
मासूम मोहब्बत से भरा बचपन आज भी याद है मुझे
वो तेरा बावलापन खेल खेल में तेरा बनाना दुल्हन
तेरे माथे की बिंदीया तेरा कंगन,आज भी याद है मुझे
याद है आज भी जब पहली दफा मेरे घर आया था
देखके मासूम नज़रो से तूने मेरा दिल धड़काया था
लुका छिपी वाले उस खेल में तो मैं जीता था तुमसे
पर वही दिन था, जब तूने मेरा सब कुछ चुराया था
तुम्हारे कंगन का वो खनखन,वो पहला पहला सावन
पहले इश्क़ वाला वो लड़कपन, आज भी याद है मुझे
तेरे साथ बिताया एक एक पल आज भी याद है मुझे
मासूम मोहब्बत से भरा बचपन आज भी याद है मुझे
था तो बचपन पर सर पे सिर्फ तेरी ही खुमारी थी
मोहब्बत की हमें भी लगी नई नई एक बीमारी थी
तुमसे मिलना बाते करना अच्छा लगने लगा था
तुम्हारे ही खयालो में डूबने की मेरी पूरी तैयारी थी
तुम्हारे नाम का वो सुमिरन, हर बाग और हर गुलशन
तुम्हारे लिए दिल की वो तड़पन आज भी याद है मुझे
तेरे साथ बिताया एक एक पल आज भी याद है मुझे
मासूम मोहब्बत से भरा बचपन आज भी याद है मुझे
तेरी सांसो की सरगम, तेरे दिल की धड़कती धड़कन
वो तेरा गुरूर से देखना दर्पण आज भी याद है मुझे
तेरे साथ बिताया एक एक पल आज भी याद है मुझे
मासूम मोहब्बत से भरा बचपन आज भी याद है मुझे
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