आज विश्वास है सच का आभाष है
आज विश्वास है सच का आभाष है
जीत और जिंदगी पास ही पास है
वक़्त की लगाम अब से थामे हुए
बढ़ चलेंगे हम अब यही आस है
राह रूकती नही सांस थकती नही
हार भी अब हमे रोक सकती नही
मुश्किले सामने अब तो आकर खड़ी
यू लग रहा ये बन गयी जिंदगी से बड़ी
हार की तो नही अब जीत की प्यास है
आज विश्वास है सच का आभाष है
जीत को जीत की आवरित्ति है मिली
जंग को हालात की स्वीकृति है मिली
हारकर जीने से बेहतर है मिलना शहीदी
जिंदगी को मौत की अनुकृति है मिली
जंग हो गयी रक्तमय, चल रही सांस है
आज विश्वास है सच का आभाष है
बिन तिलक जीत के अब तो मरना है क्या
बिन रक्तरंजित कृपाण का करना है क्या
शीश कट भी जाये तो कायम रहे हौसला
बिना शौर्य के इस गुरूर का करना है क्या
जीत भी अब इसी द्वंद की दास है
आज विश्वास है सच का आभाष है
युद्ध की बेदी पर बलि ये जवानी बने
शौर्यता की मेरी भी ऐसी कहानी बने
जिसको डर छू कर भी निकल पाए ना
हाथ बस मेरा जिंदगी का ही दानी बने
कुछ ऐसी विजय अब आ गयी रास है
आज विश्वास है सच का आभाष है
बज गया जो बिगुल जो निकल आएंगे हम
खामोश हो इस फ़िज़ा में मिल जाएंगे हम
मर भी जाये जो अब तेरे दामन तले
फूल बन तेरे बागों में खिल जाएंगे हम
ललाट पर है तिलक जीत की व्यास है
आज विश्वास है सच का आभाष है
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