दोहरा खेल (भाग 2 ) #मीडिया
दूसरों को देशभक्ति के नाम पर पाठ पढ़ाने वाले ढोंगी जब किसी एक व्यक्ति को पूरे देश के लोगों का बाप बताते हैं तब कथित राष्ट्रभक्त और कथित राजनीतिक विशेषज्ञ अपने मुंह पर ताला मार कर क्यों बैठ जाते हैं । क्या उन लोगों को सिर्फ किसी एक दल या किसी एक समुदाय या किसी एक क्षेत्र विशेष के लोगों में ही कमियां नजर आती हैं ? सरेआम टीवी पे मंच पर बैठकर एक बेहद ही गवार तरह का इंसान, जो अपनी चाटुकारिता के दम पर ओएनजीसी जैसी कंपनी में डायरेक्टर बन गया वह एक व्यक्ति विशेष को देश के सभी लोगों का बाप बोलता है , और उसके बोलने के बाद मीडिया की संवेदनशीलता कहां मर जाती है ?उसके उस बयान पर ना तो कहीं "ताल ठोकी" जाटी है ना ही कहीं "डीएनए एनालिसिस " होता है ना ही "जन मन " की कोई रिपोर्ट ली जाती है, और ना ही "नेशन वांट टू नो " जैसे चिल्ला-चिल्लाकर कुछ पूछा जाता है ।
क्या इस देश मैं गलतियों की सारी जिम्मेदारी फिर किसी एक जाति, पार्टी, धर्म ,समुदाय या क्षेत्र के लोगों के ऊपर ही आएगी ?
यह बड़े ही शर्म की बात है कि ऐसे व्यक्ति को बिना किसी योग्यता के आधार पर ओएनजीसी जैसी महारत्न कंपनी में डायरेक्टर बनाया गया नियम यह है कि हर महारत्न कंपनी में सरकार की तरफ से एक प्रतिनिधि डायरेक्टर नियुक्त किया जाता है , लेकिन वह प्रतिनिधि डायरेक्टर सरकार की तरफ से होना चाहिए ना कि किसी पार्टी की तरफ से ।
क्या पूरे देश में संबित पात्रा जैसे अयोग्य आदमी से बड़ा कोई योग्य नहीं था ? ओएनजीसी में डायरेक्टर बनने के लिए और संबित पात्रा ने अपने ऊपर किए गए इस एहसान का बदला मोदी जी को पूरे देश का बाप बता कर चुकाया।
एक अजीब सी मौन साध कर पूरा देश सारा मीडिया जगत कथित राष्ट्रभक्त कथित धर्म रक्षक कथित गौ रक्षक चुप बैठे हुए हैं।
अब तो यह सीधा स्पष्ट है कि इस देश में अहमद पटेल को मुख्यमंत्री बनाने के लिए एक पार्टी विशेष पार्टी द्वारा बोला जाए तो वह देश विरोधी होता है ।और वही वही मुफ्ती मोहम्मद सईद और महबूबा मुफ्ती जैसे लोगों को मुख्यमंत्री बनाने वाला अगर किसी एक पार्टी विशेष का है तो वह देश भक्त हो जाता है ।
(यहां पर एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मुफ्ती मोहम्मद सईद वही आदमी है जिस ने यह कहा था कि " अगर एक भारतीय फौजी मरता है तो मेरे घर पर ईद मनाई जाती है" )
क्या इस देश मैं गलतियों की सारी जिम्मेदारी फिर किसी एक जाति, पार्टी, धर्म ,समुदाय या क्षेत्र के लोगों के ऊपर ही आएगी ?
यह बड़े ही शर्म की बात है कि ऐसे व्यक्ति को बिना किसी योग्यता के आधार पर ओएनजीसी जैसी महारत्न कंपनी में डायरेक्टर बनाया गया नियम यह है कि हर महारत्न कंपनी में सरकार की तरफ से एक प्रतिनिधि डायरेक्टर नियुक्त किया जाता है , लेकिन वह प्रतिनिधि डायरेक्टर सरकार की तरफ से होना चाहिए ना कि किसी पार्टी की तरफ से ।
क्या पूरे देश में संबित पात्रा जैसे अयोग्य आदमी से बड़ा कोई योग्य नहीं था ? ओएनजीसी में डायरेक्टर बनने के लिए और संबित पात्रा ने अपने ऊपर किए गए इस एहसान का बदला मोदी जी को पूरे देश का बाप बता कर चुकाया।
एक अजीब सी मौन साध कर पूरा देश सारा मीडिया जगत कथित राष्ट्रभक्त कथित धर्म रक्षक कथित गौ रक्षक चुप बैठे हुए हैं।
अब तो यह सीधा स्पष्ट है कि इस देश में अहमद पटेल को मुख्यमंत्री बनाने के लिए एक पार्टी विशेष पार्टी द्वारा बोला जाए तो वह देश विरोधी होता है ।और वही वही मुफ्ती मोहम्मद सईद और महबूबा मुफ्ती जैसे लोगों को मुख्यमंत्री बनाने वाला अगर किसी एक पार्टी विशेष का है तो वह देश भक्त हो जाता है ।
(यहां पर एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मुफ्ती मोहम्मद सईद वही आदमी है जिस ने यह कहा था कि " अगर एक भारतीय फौजी मरता है तो मेरे घर पर ईद मनाई जाती है" )
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