एक जोगी का जोग भुलाया है तुमने
आंखों से इन आंखों में नशा मिलाया है तुमने
फिर एक जोगी का जोग भुलाया है तुमने
जिस गली में जा कर बहक जाते है सभी
हा वहीं का रास्ता मुझको दिखाया है तुमने
जहाँ देखू तेरा ही अक्स, तेरी ही खुशबू है
इबादत करू जो खुदा की दिखती तू ही तू है
एक खुदा का बंदे को काफिर बनाया है तुमने
फिर एक जोगी का जोग भुलाया है तुमने
कुछ सुनता हूँ कुछ कहता हूँ कुछ कहता हूँ
खुली आँखों से मैं कैसे कैसे ख्वाब बुनता हूँ
मुझे ना जाने ये कैसा रोग लगाया है तुमने
फिर एक जोगी का जोग भुलाया है तुमने
नशा ऐसा हुआ कि सब कुछ बहक गया है
तेरे एहसास से कतरा कतरा महक गया है
कुछ यूँ आंखों से जी भरके पिलाया है तुमने
फिर एक जोगी का जोग भुलाया है तुमने
खुशबू ए शाकी अब रिन्द तेरे आगोश में है
कुछ खबर नही वो बेहोश है या होश में है
ये कौन सा नशा पैमाने में मिलाया है तुमने
फिर एक जोगी का जोग भुलाया है तुमने
शरीफों को जाम ए नज़र में डुबाया है तुमने
इन रिन्द के हाथों मे पैमाना दिलाया है तुमने
आंखों से इन आंखों में नशा मिलाया है तुमने
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