अब हिसाब नही करते
वफ़ाओ जफ़ाओं का हम एहतिहात नही करते
रकीबो का अपने अब कोई हिसाब नही करते
वस्ल की रात आई हो मेरे जख्मो को मिटाने
जाओ तुम्हे छूकर खुद को नापाक नही करते
बहुत ही मजबूत है सीने में बैठा जिगरा मेरा
हसीनाओ के लिए हम खुद को बर्बाद नही करते
तुम्हे जो अच्छा लगे उसके साथ चली जाओ
जाने वालों की हम किसी से बात नही करते
ये मेरी दुनिया ये मेरी महफ़िल है साहेब, यहाँ
हम अपने सिवा किसी से मुलाकात नही करते
तुम्हे जो पसंद है उसको चुन लो इस मंडी से
अपने लिए हम किसी से इत्तेफाक नही करते
मोहब्बत के बाज़ार में कहीं और खरीदी करो
इसमें हम तो अपनी चीज़े नीलाम नही करते
जब से चौकीदारी मिली , तुमने सब लुटाया है
जाओ अब हम अपना घर तेरे हाथ नही करते
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