जो बिखर गया है

जो  बिखर  गया है वो सब समेट लाऊंगा
ये जो चाँद है,उसकी जुल्फों में सजाऊंगा

वो  अगर रूठी  है तो वो रूठी रहे मुझसे
ये  मेरा इश्क है, मैं  तो  उसको मनाऊंगा 

मेरी आँखों मे जो उसके लिए मोहब्बत है
जमाने ने देखा है, आज उसको बताऊंगा

है जितने तारे आसमान में सबसे कह दो
सबको खींच  उसके कदमो में सजाऊंगा

उसकी इन आंखों  में एक भूल भुलैया है
मैं  मुसाफिर  सा उनमे कही खो जाऊंगा

उसके होठो की लाली मुझे दीवाना बनाती है
यारो मुझे रोको मैं इश्क़ में पागल हो जाऊँगा

वो आसमान से  आई एक  हूर सी लगती है
उसकी चाहत में मैं भी फरिश्ता बन जाऊंगा

मेरे बगीचे में खिली वो एक गुलाब लगती है
मैं  किसी  भवरे  से  वही  कहीं  मंडराउंगा

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