कान्हा रे
तेरी ये आंखे तुझसे सब बाते
बड़ी प्यारी प्यारी है ये मुलाकातें
हर वक़्त मैं देखू सूरत ये प्यारी
ख्वाबो में कटती है राते ये सारी
तस्वीर तेरी मेरे दिल में उतार दे
कान्हा रे थोड़ा सा प्यार दे
अँखियों को अपना दीदार दे
तुम्हारी अदाएं तुम्हारी ये बाहें
वो राधा ये बस मुझको बुलाये
बरसाने की गोपी झूम के नाचे
वो कान्हा जब तू बंशी बजाये
दिल ये तू अपना थोड़ा हमको उधार दे
कान्हा रे थोड़ा सा प्यार दे
अँखियों को अपना दीदार दे
दिल ये मेरा बस तुझको बुलाये
इन होंठो से जब तू बंसी बजाये
चोरी से मैं बस तुझको निहारूँ
जब जब तू यमुना घाट पे आये
खुद का ये प्रेम सारा मुझपे तू वार दे
कान्हा रे थोड़ा सा प्यार दे
अँखियों को अपना दीदार दे
जब भी यमुना के तीर मैं आया
तेरे लिए बस है ये बंसी बजायी
छलिया है तू , बड़ा है हरजाई
तुझको तो मेरी सुध भी न आई
बिखरी हूँ जितना तू उतना सवार दे
कान्हा रे थोड़ा सा प्यार दे
अँखियों को अपना दीदार दे
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