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Showing posts from March, 2024

धड़कन भर गया

मेरी ग़ज़ल का हर शेर मैने ऐसे बनाया है

सर्दियों की धूप

किसी का घर है, है किसी का ठिकाना

मेरे घर में कभी कभी बिन बताये भी आना