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Showing posts from February, 2023

अनजान हो गए

बस्तियों के हुजूम में न कोई घर मिला

गुनाह ए अज़ीम मिरे नाम पे सब लगा दीजिये

एक जोगी का जोग भुलाया है तुमने

धुआं हो जाये