फूलों का कारोबार
एक बार ही देखा है फिर भी ये बार बार नजर आती है
सीधे दिल मे जो उतर जाए ऐसी कटार नजर आती है
जिस दिन से आपकी नज़रे हमारी नज़रो से टकराई है
इनको छोड़कर हमे सारी दुनिया बेकार नज़र आती है
बारूद का धंधा करते करते गुलों से इश्क़ फरमा बैठा
अब तो धमाकों में भी मुझे सिर्फ बहार नज़र आती है
जर्रे जर्रे के लिए भी मोल भाव करने वाली ये दुनिया
आपकी एक मुस्कान पर पूरी बलिहार नज़र आती है
कौन कहता है खुदा की इबादत मस्जिदों में होती है
मुझे तो आपके नूर में खुदा की मेयार नज़र आती है
खूबसूरती खुशबू का करती वो कारोबार नजर आती है
फूलो की दुकान में मुझको वो मुटियार नज़र आती है
मेरे अल्लाह तू ही बता दे इन्हें किस नाम से नवाजू मै
तेरी आंखे क़यामत लाने वाली हथियार नज़र आती है
किससे शिकवा करू, कौन सुनेगा यहाँ फरियाद मेरी
ये सारी दुनिया उनके हुस्न की शिकार नज़र आती है
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