मेरी किताब में मिलोगे

तुम कुछ इस तरह सबको मेरी याद में मिलोगे
दुनिया को  मेरी ग़ज़ल के अल्फाज़ में मिलोगे

एक सावन  की आस में पूरा बरस काट दिया
तुम्हारा  वादा था  कि तुम बरसात  में मिलोगे

जो यकीन  ना आये  तो पढ़ लेना  ये "अंजुरी"
तुम  अपने  आप से  मेरी  किताब  में मिलोगे

बस तभी से  हमने  सोना  छोड़ दिया इलाही
जब तुमने कहा था  कि तुम  रात  में  मिलोगे

दीदार ए  आम को  मेरी  हर  बात में मिलोगे
अबकी महफ़िल में तुम इसी हालात में मिलोगे

Comments

Popular Posts