भगत सिंह हमको याद रहेगी तेरी कुर्बानी

भगत सिंह हमको याद रहेगी तेरी कुर्बानी
याद रहेगी हमे आज़ादी वाली तेरी कहानी

तेरा सपना आंखों में पाले,
इंकलाब रगों में दौड़ रहा है
क्रांति की लौ फिर जल आयी
तेरा दिया लहू भी खौल रहा है
आंखों में तेरी तस्वीर लिए
आज़ादी का मंजर डोल रहा है
कुर्बान करूं खुद को मिट्टी पर
रोम रोम अब ये ही बोल रहा है
इंकलाब वाली बात जहाँ को है तेरी बतानी
भगत सिंह हमको याद रहेगी तेरी कुर्बानी


तस्वीर तेरी जिंदा रख सीने में
रोम रोम इंकलाब बोल रहा है
जलते सुलगते अबके मौसम में
कुर्बानी का जज्बा घोल रहा है
इतिहास बदल दिया तेरी बातो ने
अब बदल पूरा भूगोल रहा है
कतरे कतरे जर्रे जर्रे में अक्स तेरा
जुल्मी का सिंहासन डोल रहा है
तेरे कदमो पर रखूं, नाम तेरे ये जवानी है
भगत सिंह हमको याद रहेगी तेरी कुर्बानी

बलिदान तेरा देश की नस नस में फैला
बात वही दोहराएंगे जो थी तेरी जुबानी
आज कहा किस्सा जो कल भी बताएंगे
कहानी हर कोने में हमको है तेरी सुनानी
भगत सिंह हमको याद रहेगी तेरी कुर्बानी

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