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Showing posts from April, 2020

सरकारी तंत्र में ऑडिट का महत्वपूर्ण रोल है। ऑडिट के माध्यम से ही पैसे का या शक्तियों का उपयोग सही हुआ है या नही इसका पता लगाया जा सकता है। लेकिन अगर आपको पता चले कि किसी राहत कोष ,जिसमे जनता बड़े पैमाने पर दान देती है , उसकी ऑडिट नही की जा सकती तो आप उसके पीछे छुपी हुई किस तरह कर मंशा की कल्पना करेंगे ? मतलब आप जनता के पैसे अपनी मर्जी से खर्च करें और उसका कोई हिसाब न देना हो। अब पीएम केयर्स को कैग ऑडिट से बाहर कर क्या सरकार भ्रस्टाचार ने नए दरवाजे और नए अवसर नही खोल रही है ?

महराष्ट्र का पालघर इस लिए हुआ, क्योकि रकबर खान के हत्यारों को फूल पहना कर स्वागत किया गया, इस्पेक्टर सुबोध के हत्यारों को राजनीतिक और सत्ता की शह देकर बचाया गया। शंभू लाल रेगर जैसे आतंकी हत्यारे को हीरो बनाने की कोसिस की गई, अखलाक की हत्या को जायज ठहराया गया। स्वामी अग्निवेश की पिटाई को सही बताया गया। जब खुद सत्ता ने ऐसे अपराधियो को बढ़ावा दिया तब ऐसे अपराधियो का हौसला बढ़ा गया, उनके अंदर का डर समाप्त हुआ और ये भस्मासुरी हत्यारो ने अब निर्दोष संतो की हत्या कर दी। और अभी ये इन हत्यारो को रोका नही गया तो न जाने ये हत्यारे किसको अपना निशाना बनाएंगे।

ख्वाब है सूखे पत्तों जैसे

कुतर्की समाज का परित्याग