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Showing posts from June, 2019

संसद से लेकर सड़क तक हर जगह "जय श्री राम" के नारे लगाए जा रहे है। लेकिन अफसोस ये है कि ये नारे राम भावना के अनुरूप भक्ति भाव से नही बल्कि दो अलग उद्देश्यों से लगाये जा रहे है । एक उद्देश्य है चिढ़ाने वाले तरीके से " जय श्री राम " बोलकर विरोधियो को श्री राम का विरोधी साबित करके अपना वोट बैंक सेट करना । और दूसरा उद्देश्य है "जय श्री राम" बोलकर हत्या करना , करवाना और बलात्कारियो की मदद करना। इन लोगो ने भगवान राम की भावना का पालन तो कभी किया नही , उनके नाम के जयकारे को "जय सियाराम" जैसे शांति भरे शब्द से बदलकर चिल्लाते हुए "जय श्री राम" जैसा डर का प्रतीक बना दिया। किसी भी वेद पुराण या किसी भी तस्वीर में भगवान राम का नाम माँ सीता के बिना नही है। लेकिन भगवान राम के नाम पर आतंक मचाने वाले इन आतंकवादियों ने भगवान राम को अपने वोट के चक्कर मे अकेला बना दिया है।  मतलब साफ है, भगवान श्री राम के नाम पर टोटल बिजनेस।  बिजनेस वोट का, बिजनेस जान का, बिजनेस भावनाओ का।

लोग कबीर के आगे शीश झुकाते है वो लोग कबीर जैसा बन सकते है ?  कबीर की प्रतिमा को देख कर हाथ जोड़कर प्रणाम करने वाले नेता कबीर की तरह साफ साफ और खरा बोलने की चेस्टा कर सकते है ?  नही।। क्योकि कबीर धर्म व्यवस्था के खिलाफ थे। और आज के कुछ मुख्य नेताओ की सफलता और कुर्सी पाने का मुख्य रास्ता ही धार्मिक उन्माद से होकर जाता है । कोई कबीर जैसा हो सकता है क्या जो चरम मुग़लकाल मे भी इस्लाम को जम कर धोया। साथ ही काशी में खड़े होकर हिन्दू धर्म को भी धोया। कबीर ही थे जिन्होंने ये साबित किया कि पाखंडियो के लिए धर्म सिर्फ एक "प्रोडक्ट" है। जिसकी मार्केटिंग मंदिर और मस्जिद से की जाती है

हौसलों का टूटना

क्या हम सच मे इंसान ही है , वही इंसान जो अपने को सबसे ज्यादा दिमागवाला और सभ्य होने का दावा करता है , क्या हम वही इंसान है जो खुद का भगवान का सबसे श्रेष्ठ संरचना होने का दावा करता है ?  जिस तरह की संवेदन हीनता और वहशीपन इस समाज के कुछ लोगो ने दिखाया है उसे देख कर तो यही लगता है कि इंसानों की ये जमात जंगली भेडियो और शिकारी कुत्तो से भी ज्यादा वहशी और दरिदंगी से भरपूर है। इस समाज ने निर्भया से लेकर, रागिनी दुबे, संस्कृति राय , आसिफा और ट्विंकल शर्मा जैसी मासूम बच्चियों के ऊपर न सिर्फ वहशीपन दिखाया बल्कि कुछ लोग तो इन बलात्कारियो के समर्थन में अपनी राजनीतिक ताकत का भी प्रयोग किये।