हाँ मैंने नेताजी को लड़ते देखा है


समाजवाद की एक लौ जलते देखा है
हाथ थाम  एक विरासत बढ़ते देखा है
लोहिया जेपी गांधी के  आदर्शो को ले
तानाशाही के आगे ढाल बनते देखा है
हाँ  मैंने  नेताजी  को  लड़ते  देखा   है


धरतीपुत्र बन पुत्रो की आवाज उठाया 
दर्द किसानों  का  संसद को बतलाया
वंदे मातरम हर फौजी बोल उठा, जब
शहीदों  को  उनके घर  तक पहुँचाया
अन्याय क्रूरता तानाशाही सह, उनको
मुलायम  से   नेताजी  बनते  देखा  है
हाँ  मैंने  नेताजी  को  लड़ते  देखा  है


देश मे जात पात की ना  कोई खाई हो
न कोई हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई हो
यही एक आदर्श लिए सिखाया सबको
हर धर्म जाती वाला आपस मे भाई हो
बस  वही  समानता  का  एक  ख्वाब
धरतीपुत्र की  आँखो में पलते  देखा है
हाँ  मैंने  नेताजी  को  लड़ते   देखा  है

गरीबो पे चली जो लाठी खुद खाया है
इरादों की ताकत सत्ता की  बताया  है
साम्प्रदायिकता आतंकवाद भ्रस्टाचार
जैसी ताकत देश के पैरो में झुकाया है
संघर्षो की राह  पकड़  चलते देखा है
हाँ  मैंने  नेताजी  को  लड़ते  देखा  है

था जो अकेला हर वो हाथ थाम लिया
एकता, भाईचारा का खूब काम किया
बराबर सम्मान का अधिकार दिला के
दलितों का पिछड़ो का कल्याण किया
खुद भूखा रह गरीब पेट भरते देखा है
हाँ  मैंने  नेताजी  को  लड़ते  देखा  है


रोशन होता जो अपने लल्ला के आने से
उस सैफई को  आज आहें भरते देखा है



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