Posts

Showing posts from May, 2020

आत्मनिर्भर ?

राजनीति के खेल के सबसे धुरंधर खिलाड़ी। जिसके दावपेच और समीकरण के आगे किसी की नही चली। वो राजनेता जिसने राजनीति के सभी मोहरों को जब चाहा जैसे चाहा वैसे चला। वो पहलवान जो न तो अखाड़े में चित्त हुआ और न ही कभी राजनीति में चित्त हुआ। रुतबे और रुबाब का वो व्यक्तित्व जिससे आंखे मिलाने मे विरोधी भी अपना सम्मान समझे। वो नेता जो कब क्या दाव चलेगा इसका अंदाजा राजनीति के बड़े बड़े चाणक्य भी नही लगा पाए। नन्हे नेपोलियन का वो संघर्ष जिसको समझने की हैसियत किसी मे नही।वो मुलायम ही है जिन्होंने यूपी को कांग्रेस के लिए बुरा सपने जैसे बना दिया। 

बचपन मे हर किसी को माँ ने बताया होगा कि भगवान की पूजा करो , धर्म को मानो , भगवान और धर्म तुम्हारी रखा करेंगे। जैसे बड़े हुए तब हमे ये बताया जाता है कि धर्म और भगवान संकट में है, हमे उनकी रक्षा करनी है। यकीन मानिए आपने जिस दिन धर्म पर ऑंख मूँद कर विश्वास करने की जगह सवाल जवाब करना शुरू करेंगें ऐसे लोगो की दुकानें भी बंद हो जाएंगी।