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Showing posts from March, 2020

फैमिनिजम

प्राइवेट कंपनियां सीधे डूब रही है और सरकारी कंपनियां सीधे बिक जा रही है। इस दोनों में एक वाकया एक है, प्राइवेट कंपनियां वही डूब रही है जो अम्बानी या अडानी को टक्कर दे रही है , और सरकारी कंपनियां जितने भी बिक रही है सबकी खरीदारी की रेस में अम्बानी और अडानी  आगे है।मतलब साफ कह तो एसेट्स बिकम्स लाईबीलिटीज , एंड लाईबीलिटीज बिकम्स अम्बानी की एसेट्स वाला हिसाब किताब चल रहा है। देश अब शायद वापस ग़ुलामी के उसी दौर में जा रहा है जहाँ आपका हक़ अपनी ही चीजो से छीन लिया जाता है।

हँसी का गुमान